Monday, 22 September 2014

“…आज मैं छूट गया होता।”


श्रीमती जी की रात के दो बजे अचानक नींद खुली तो पाया कि पति जी बिस्तर से नदारद हैं।


जिज्ञासावश उठीं, खोजा तो देखा डाइनिंग टेबल
पर बैठे कॉफी का कप हाथ में ले कर, विचारमग्न, दीवार को घूर रहे हैं।



पत्नी चुपचाप पति जी को कॉफी की चुस्की लेते हुए बीच-बीच में आँख से आँसू पोंछते देखती रही।
फिर उन के पास गई और बोलीं,
“क्या बात है, डियर?
तुम इतनी रात गए यहाँ क्या कर रहे हो?”
पति जी ने कॉफी से नज़र उठाई।

“तुम्हें याद है, २० साल पहले जब तुम
सिर्फ १८ साल की थीं?”
बड़ी गम्भीरता से बोले।
पत्नी पति के प्यार को देख कर भाव विभोर हो गई,
बोली, “हाँ, याद है।”
कुछ रुक कर पति जी बोले

“याद है जब तुम्हारे जज पिता जी ने हमें मेरी
कार की पिछली सीट पर रंगे हाथों पकड़ लिया था?”
“हाँ याद है।”
“याद है कैसे उन्होंने मेरी कनपटी पर बन्दूक रख कर कहा था,
“या तो इस से शादी कर लो, या २० साल के लिए अन्दर कर दूँगा।”
“हाँ वह भी याद है।”

अपनी आँख से एक और आँसू पोंछते हुए पति जी बोले...
“…आज मैं छूट गया होता।”

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